ELSS क्या है? पूरी जानकारी, लाभ, नुकसान और निवेश करने का तरीका 2025

ELSS क्या है? पूरी जानकारी, लाभ, नुकसान और निवेश करने का तरीका 2025

ELSS क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में

आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसकी कमाई का कुछ हिस्सा सुरक्षित निवेश में लगे और उस पर टैक्स में भी छूट मिले। अगर आप भी ऐसा विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो ELSS (Equity Linked Savings Scheme) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह एक म्यूचुअल फंड योजना है जिसमें निवेश करने से न सिर्फ़ आपको आयकर में छूट मिलती है, बल्कि लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न भी मिल सकता है। इस लेख में हम ELSS से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे – जैसे ELSS क्या है, इसमें निवेश कैसे करें, इसके फायदे, नुकसान, और इसे चुनते समय ध्यान देने योग्य बातें।


ELSS क्या होता है?

ELSS का पूरा नाम Equity Linked Savings Scheme है। यह एक प्रकार की Tax Saving Mutual Fund Scheme होती है, जो मुख्यतः इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश करती है। इसमें निवेश करके आप Income Tax Act की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं।

ELSS की प्रमुख विशेषताएं:

विशेषता विवरण
निवेश का प्रकार म्यूचुअल फंड (इक्विटी आधारित)
लॉक-इन अवधि 3 साल (सभी टैक्स सेविंग स्कीम्स में सबसे कम)
टैक्स में छूट ₹1.5 लाख तक (धारा 80C)
रिटर्न बाजार आधारित (उच्च संभावित रिटर्न)
निवेश का तरीका SIP या Lump sum दोनों तरीके

ELSS में निवेश कैसे करें?

ELSS में निवेश करना आजकल बेहद आसान हो गया है। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से निवेश कर सकते हैं।

1. ऑनलाइन माध्यम से:

2. मोबाइल ऐप्स:

3. ऑफलाइन माध्यम:


ELSS के फायदे

1. टैक्स छूट

ELSS में निवेश करने पर आयकर की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है, जिससे आप हर साल लगभग ₹46,800 तक टैक्स बचा सकते हैं (अगर आप 30% टैक्स स्लैब में आते हैं)।

2. सबसे कम लॉक-इन पीरियड

ELSS का लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल है, जबकि PPF (15 साल), NSC (5 साल), और FD (5 साल) में ज्यादा समय लगता है।

3. ऊंचा रिटर्न मिलने की संभावना

ELSS इक्विटी मार्केट में निवेश करता है, इसलिए लम्बी अवधि में इसमें अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना होती है।

4. SIP विकल्प

आप ₹500 से भी ELSS में SIP शुरू कर सकते हैं, जिससे निवेश की आदत बनती है और बाजार की उतार-चढ़ाव से बचाव होता है।

5. प्रोफेशनल मैनेजमेंट

ELSS फंड्स को अनुभवी फंड मैनेजर द्वारा संचालित किया जाता है, जिससे आपके पैसों का बेहतर प्रबंधन होता है।


ELSS के नुकसान

1. बाजार जोखिम

चूंकि ELSS इक्विटी मार्केट से जुड़ा है, इसलिए इसमें जोखिम अधिक होता है। बाजार में गिरावट होने पर रिटर्न नकारात्मक भी हो सकता है।

2. लॉक-इन के दौरान निकासी नहीं

3 साल की लॉक-इन अवधि के दौरान आप अपने पैसे नहीं निकाल सकते, चाहे बाजार कैसा भी हो।

3. फिक्स्ड रिटर्न की गारंटी नहीं

अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स जैसे PPF, NSC में तय ब्याज दर मिलती है, लेकिन ELSS में ऐसा नहीं है। रिटर्न पूरी तरह बाजार पर निर्भर करता है।


ELSS और अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों की तुलना

स्कीम लॉक-इन पीरियड अनुमानित रिटर्न टैक्स छूट जोखिम स्तर
ELSS 3 साल 12-15% (बाजार पर आधारित) ₹1.5 लाख तक उच्च
PPF 15 साल 7.1% (सरकार तय करती है) ₹1.5 लाख तक बहुत कम
5-Year FD 5 साल 6-7% ₹1.5 लाख तक मध्यम
NSC 5 साल 7% के आसपास ₹1.5 लाख तक कम

ELSS में निवेश करते समय ध्यान देने योग्य बातें

  1. अपने जोखिम प्रोफ़ाइल को समझें: यदि आप बाजार के उतार-चढ़ाव को सहन कर सकते हैं, तो ही ELSS में निवेश करें।

  2. लंबी अवधि का लक्ष्य रखें: ELSS में कम से कम 5 साल तक निवेश बनाए रखने से बेहतर रिटर्न की संभावना रहती है।

  3. अच्छी रेटिंग वाले फंड चुनें: CRISIL या Value Research जैसे प्लेटफॉर्म पर 4 या 5 स्टार रेटिंग वाले फंड चुनें।

  4. SIP से शुरुआत करें: एकमुश्त राशि निवेश करने से बेहतर है कि आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करें।

  5. फंड का पिछला प्रदर्शन देखें: फंड के पिछले 5-7 साल के रिटर्न का विश्लेषण करें।


कौन निवेश करे ELSS में?


निष्कर्ष

ELSS टैक्स बचाने और धन बढ़ाने का एक शक्तिशाली माध्यम है। हालाँकि इसमें जोखिम होता है, परंतु यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं और सही फंड का चुनाव करते हैं, तो यह निवेश आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकता है।

सही जानकारी, सतर्कता और धैर्य के साथ ELSS में किया गया निवेश न केवल टैक्स सेविंग करता है, बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत फाइनेंशियल बैकअप भी तैयार करता है।

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