G20 SUMMIT 2023, G20 INDIA 2023, G20 BHARAT 2023,
G20 SUMMIT 2023, G20 INDIA 2023, G20 BHARAT 2023- ग्लोबल अर्थव्यवस्था कानिर्माण, स्थिरता और सुरक्षा में सहमति प्राप्त करने के लिए विश्व के 20 महत्वपूर् देशों और संघों का एक विशेष समूह, जिसे “जी20” या “जी-ट्वेंटी” के रूप में जाना जाता है।
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G20 की शुरुआत
G20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। 2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर G20 को राज्य/सरकार के प्रमुखों के स्तर तक उन्नत किया गया था, और 2009 में, इसे “अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच” के रूप में नामित किया गया था।
G20 क्या है ?
यह 20 देशों का एक समूह है ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी (G20) अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है। वर्तमान में इसमें विश्व के २० देश शामिल हैं। G20 सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक वास्तुकला और शासन को आकार देने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। G20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष अलग-अलग देश के नेतृत्व में आयोजित किया जाता है। जी20 ने शुरू में बड़े पैमाने पर व्यापक आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया था, लेकिन बाद में इसने अपने एजेंडे का विस्तार करते हुए अन्य बातों के साथ-साथ व्यापार, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार विरोधी गतिविधि को भी शामिल किया है। G20 (Group of Twenty) एक अंतरराष्ट्रीय फ़ोरम है जिसमें दुनियाभर के 20 प्रमुख देश और क्षेत्रिय संघ एक साथ आते हैं। यह फ़ोरम विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और सहमति बनाने के लिए एक मंच के रूप में काम करता है। G20 का मुख्य कार्य कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्रों में होता है:-
G20 शिखर सम्मेलन के कार्य एवं उद्देश्य।
आर्थिक सहयोग: G20 अर्थशास्त्रिक मुद्दों पर चर्चा करता है और दुनियाभर में आर्थिक व्यापार, निवेश, और आर्थिक वृद्धि को सुनिश्चित करने के उपायों पर विचार करता है।
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता: G20 द्वारा दुनिया के वित्तीय प्रणालियों के वित्तीय स्थिरता की रक्षा करने के उपायों पर चर्चा की जाती है, ताकि वित्तीय संकट से बचा जा सके।
व्यापार और व्यापार नीति: G20 व्यापार और व्यापार नीतियों पर बातचीत करता है और दुनिया के व्यापार के नियमों को सुधारने के लिए कदम उठाता है।
वैश्विक चुनौतियां: G20 द्वारा विभिन्न वैश्विक चुनौतियों जैसे कि जलवायु परिवर्तन, विकास, स्वास्थ्य, और शिक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा की जाती है।
विशेष सम्मेलन: G20 ने अक्सर विशेष सम्मेलन आयोजित किए हैं जो किसी विशेष विषय पर गहरा विचार करने और सहमति पर पहुँचने के लिए होते हैं।ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी (G20) अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक वास्तुकला और शासन को आकार देने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
G20 में शामिल देश।
वैसे तो G20 शिखर सम्मलेन में कुल 29 देश शामिल हुए थे लेकिन 20 देश इसके सदस्य हैं और नौ देशों G20 शिखर सम्मलेन हेतु आमंत्रित किया गया था।
अर्जेंटीना
ऑस्ट्रेलिया
ब्राज़िल
कनाडा
चीन
फ्रांस
जर्मनी
भारत
इंडोनेशिया
इटली
जापान
मेक्सिको
कोरियान गणतन्त्र
रूस
सऊदी अरब
दक्षिण अफ्रीका
तुर्किये
यूनाइटेड किंगडम
संयुक्त राज्य अमेरिका
यूरोपीय संघ
G20 शिखर सम्मलेन हेतु आमंत्रित देश।
बांग्लादेश
मिस्र
मॉरीशस
नीदरलैंड
नाइजीरिया
ओमान
सिंगापुर
स्पेन
संयुक्त अरब अमीरात
इसके अलावा भारत, जी20 प्रेसीडेंसी के रूप में नियमित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (यूएन, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठनों (एयू, एयूडीए-नेपैड और आसियान) के अध्यक्षों और आईएसए को आमंत्रित किया गया था । अतिथि आईओ के रूप में सीडीआरआई और एडीबी को भी आमंत्रित किया गया था।
वर्तमान में G20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत के पास है जो की 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक रहेगा ।
G20 विश्व अर्थव्यवस्था के माध्यम से विश्व शांति और सहमति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके माध्यम से दुनिया के महत्वपूर्ण देश और संघ आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर साथ काम करते हैं और विश्व अर्थव्यवस्था के स्थिरता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाते हैं। G20 का गठन और इसका सहयोग सुनिश्चित करता है कि विश्व अर्थव्यवस्था के विकास में समर्थन और सामंजस्य बढ़ता रहे और अंत में सभी के लिए सशक्त, समृद्ध, और सुरक्षित भविष्य की दिशा में साथ चलता है।